अनुसूचित जाति एवं जनजाति ( sc st cases) के विरुद्ध अपराधों के जल्द फैसलों को लेकर सरकार (government) ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ऐसे मामलों में पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए छह विशेष न्यायालय खोलने जा रही है। इसके बाद राज्य के प्रत्येक जिले में ऐसे न्यायालय शुरू हो जाएंगे।
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने न्याय प्रशासन एवं कारागार की अनुदान मांगों पर विधानसभा में गृह मंत्री की ओर से बहस का उत्तर देने के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि लम्बित मामलोें के निस्तारण, न्यायालयों की कमी एवं न्यायिक अधिकारियों के आवास की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 165 करोड़ 95 लाख 71 हजार रुपए के बजट का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि सिविल जज कैडर की 197 रिक्तियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है, जिसे जल्द पूरा कर लिया जाएगा। न्यायालयों में बड़ी संख्या में मामले पेडिंग हैं,जिनके निस्तारण की भी व्यवस्था की गई है। दस वर्षो से अधिक पुराने मामलों का निस्तारण करने वाले देश के दस न्यायालयों में जयपुर महानगर न्यायालय को भी शामिल किया गया है।
यौन अपराधियों को जल्द मिलेगी सजा –
संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल ने कहा कि गृह मंत्री की ओर से विधानसभा में सोमवार को कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाना सरकार (government) की प्राथमिकता में शामिल है। इसीलिए राज्य सरकार ने महिलाओं और बच्चों के प्रति यौन अपराध मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए 47 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने का निर्णय किया है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न श्रेणियों के 33 कोर्ट भी खोले जाएंगें।
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